The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे shiv chalisa in hindi सुरासुर भये विहाला॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान Shiv chaisa पूर्वक होम करावे ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
तज्ञमज्ञान – पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।
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तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी ।
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
शिव भजन